Wednesday, 27 November 2013

jagadacharya shri tridandi swamiji maharaj (buxar,bihar)



भारतवर्ष के महान साधक महायोगी जगदाचार्य श्रीमद्विश्वकसेनाचार्य श्री श्री त्रिदंडी स्वामीजी महाराज कि पुण्यतिथि पर विशेष :




के हमनी के नव चलाई 

सब दिन अभिनन्दन किये तनमन से हर्षाय 
अबरी श्राद्धांजलि करत असुवन पुष्प चढ़ाय |
दो हजार छपन संवत , दशमी तिथि गुरूवार 
मार्ग शीर्ष कृष्ण नव बजे स्वामी तजे संसार ||१ 

अईसन संत न अब कोई मिलिहै सारे जग जगती में खोजिआउ भाई |
यति धर्म श्रुति निष्ठ जीवन वितवले पयोवृति नदी तट कुटीया छवाई ||
ग्राह का सवार कभी शेषफन सिर पे छिपी गइली हमनी के कुअर कंधाई||२

कितने ही याचक के कईली अयाचक 
अपने रहली शिवापति नाई |
जाके कल पग में नही पनही ताके वायुयान चढ़ाई|| 
ये विश्वामित्र प्रकट भये कलि मे 
यति चक्र चूरामणि जग में कहाई ||३ 

आजो चरित्र वन पावन गंगा तट 
आपके को स्वामीजी समाधी में छिपाइ | 
आर्थ धरम काम मोक्ष के बतईहे
शेषावतार शेष विवर समाई |
सबके नयन भरल बाटे असुवन 
स्वामी सुधि आवत सबको रुलाई ||४ 


साभार :शेधेश्वर पाठक जी , ग्राम बबुआ पलामू (बिहार ) 

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