jagadacharya shri tridandi swamiji maharaj (buxar,bihar) |
भारतवर्ष के महान साधक महायोगी जगदाचार्य श्रीमद्विश्वकसेनाचार्य श्री श्री त्रिदंडी स्वामीजी महाराज कि पुण्यतिथि पर विशेष :
के हमनी के नव चलाई
सब दिन अभिनन्दन किये तनमन से हर्षाय
अबरी श्राद्धांजलि करत असुवन पुष्प चढ़ाय |
दो हजार छपन संवत , दशमी तिथि गुरूवार
मार्ग शीर्ष कृष्ण नव बजे स्वामी तजे संसार ||१
अईसन संत न अब कोई मिलिहै सारे जग जगती में खोजिआउ भाई |
यति धर्म श्रुति निष्ठ जीवन वितवले पयोवृति नदी तट कुटीया छवाई ||
ग्राह का सवार कभी शेषफन सिर पे छिपी गइली हमनी के कुअर कंधाई||२
कितने ही याचक के कईली अयाचक
अपने रहली शिवापति नाई |
जाके कल पग में नही पनही ताके वायुयान चढ़ाई||
ये विश्वामित्र प्रकट भये कलि मे
यति चक्र चूरामणि जग में कहाई ||३
आजो चरित्र वन पावन गंगा तट
आपके को स्वामीजी समाधी में छिपाइ |
आर्थ धरम काम मोक्ष के बतईहे
शेषावतार शेष विवर समाई |
सबके नयन भरल बाटे असुवन
स्वामी सुधि आवत सबको रुलाई ||४
साभार :शेधेश्वर पाठक जी , ग्राम बबुआ पलामू (बिहार )
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